मद्य

सुरा- मेरय मज्‍ज पमादष्‍ठाना बरमणी सिक्‍खापदं समादियामि
शराब मद्य तथा अन्‍य नशीले पदार्थों का सेवन मानव के पास ज्ञान विवेक को फटकने नहीं देता। --

कोई टिप्पणी नहीं:

[ ऐसी वाणी बोलिए ][ BLOG CREATED BY : RJV ] [ ENRICHED BY :adharshila ] [ POWERED BY : BLOGGER ]