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मुक्ति
कर्म को स्वार्थ की ओर से परमार्थ की ओर ले जाना ही मुक्ति है, कर्म का त्याग मुक्ति मुक्ति नहीं है। ----
रविन्द्र नाथ ठाकुर
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