देश

ऐसे दे श को छोड़ देना चाहिए जहां न आदर है न जीविका न मित्र न परिवार और न ही ज्ञान की आशा। -- विनोबा भावे

कोई टिप्पणी नहीं:

[ ऐसी वाणी बोलिए ][ BLOG CREATED BY : RJV ] [ ENRICHED BY :adharshila ] [ POWERED BY : BLOGGER ]